
Earthquake News: कोरोनावायरस के कहर के बीच रविवार शाम को दिल्ली और एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके.
Earthquake Delhi-NCR: दिल्ली-NCR में महसूस किए गए भूकंप के झटके.
कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर के बीच रविवार शाम को दिल्ली और एनसीआर में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. दिल्ली के साथ-साथ गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके (Earthquake News) लगभग 5 सेकंड तक महसूस किए गए हैं. बता दें कि देश में कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है. भूकंप का केंद्र दिल्ली-यूपी था, वहीं इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई.
Epicentre of the earthquake in East Delhi, 3.5 on richter scale: IMD https://twitter.com/ANI/status/1249310342494269441 …
ANI
✔@ANI
Earthquake tremors felt in Delhi-NCR.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए. आशा है कि सभी लोग सुरक्षित हों. मैं आप में से हर एक की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं.
Tremors felt in Delhi. Hope everyone is safe. I pray for the safety of each one of you.
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें. जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें. चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें. ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो.
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं. मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें. टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें. घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें. बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें. आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें. लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट. कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं. झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.
अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो माचिस हरगिज़ न जलाएं क्योंकि इस दौरान गैस लीक होने का खतरा हो सकता है. हिलें नहीं, और धूल न उड़ाएं. किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें. किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके. यदि कोई सीटी उपलब्ध हो तो बजाते रहें. यदि कोई और जरिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें.
0 Reviews