
जिनेवा, एजेंसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह किया है दुनिया कोरोना महामारी से अभी जल्दी निजात पाने वाली नहीं है। कुछ देशों में तो यह अभी शुरुआती चरण में है। अभी इन देशों को वायरस के साथ एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडनॉम घेबरियीसस ने कहा कि कोरोना वायरस लंबे समय तक हमारे साथ रहेगा। संघर्ष का रास्ता बहुत लंबा है। हमें बहुत धैर्यपूर्वक इस लड़ाई को लड़नी है। इसलिए जरूरी है कि कोई गलती नहीं करें। उन्होंने कहा कि शारीरिक दूरी और घर में रहना इस समस्या का अंतिम समाधान नहीं है।
उन्होंने कहा अधिकांश देश इस महामारी के शुरुआती चरण में है। इन मुल्कों में कोरोना रागियों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। कुछ देश इस महामारी से जल्दी प्रभावित हुए। अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, COVID-19 ने दुनिया भर में 25 लाख से ऊपर पहुंच गई है। कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में कुल 1,83,027 लोगों की मौत हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ चीन के दुष्प्रचार का साधन बना
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने आरोप लगाया है कि डब्ल्यूएचओ चीन के दुष्प्रचार का साधन बन गया है। वह कोरोना वायरस के मौजूदा संकट में अपनी साख पूरी तरह खो चुका है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग पर रोक लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली इस संस्था पर कोरोना वायरस महामारी के दौरान चीन का पक्ष लने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ में सर्वाधिक योगदान अमेरिका देता है।
संकट के दौरान अपनी पूरी साख खो चुका संगठन
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ब्रायन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के साथ दिक्कत यह है कि वे इस संकट के दौरान अपनी पूरी साख खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि डब्ल्यूएचओ कई साल से बहुत प्रामाणिक संगठन रहा है। अमेरिका इस संगठन पर 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च करता है। चीन उस पर करीब चार करोड़ डॉलर खर्च करता है जो अमेरिका के योगदान के दसवें हिस्से से भी कम है और उसके बाद भी डब्ल्यूएचओ चीन के दुष्प्रचार का साधन बन गया है।
Posted By: Ramesh Mishra
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Publish Date:Thu, 23 Apr 2020 05:12 PM (IST)