
कब्रिस्तान पहुंचा इरफान खान का शव, अंतिम यात्रा में सिर्फ आदेश था कुल 9 लोगो को अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए लेकिन पहुंच गये तक़रीबन 50 लोग अंतिम सफर में !
इरफान खान का पार्थिव शरीर कब्रिस्तान पहुंच चुका है। इसे लेकर मुंबई पुलिस की बंदोबस्त कड़ी है और किसी भी ऐक्टर और इंडस्ट्री के लोगों को वहां तक पहुंचने की इजाजत नहीं है।
इरफान खान का शव अस्पताल से कब्रिस्तान ले जाया जा चुका है। बॉलिवुड स्टार इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर को मात नहीं दे पाए और आखिरकार इस खतरनाक बीमारी ने उन्हें हमलोगों से हमेशा के लिए छीन लिया। बताया जा रहा है कि उनके अंतिम संस्कार को लेकर बंदोबस्त कड़ी है और उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए सभी ऐक्टर और इंडस्ट्री के लोगों को वहां तक पहुंचने की इजाजत नहीं है। उनके अंतिम यात्रा में केवल 9 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत है।
बता दें कि इरफान खान का निधन आज बुधवार 29 अप्रैल 2020 को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में हुआ और उन्हें खोने के गम की वजह से पूरे देश में शोक की लहर है। कहा जा रहा है कि मुंबई पुलिस की निगरानी में ऐक्टर के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। उन्हें अंधेरी के यारी रोड, वर्सोवा कब्रिस्तान में दफनाया जाने को लैकर तैयारी पूरी हो चुकी है।रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहद ही सीमित लोगों की उपस्थिति में इरफान का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस मौके पर मीडिया की भीड़ पर भी मुंबई पुलिस की तगड़ी निगरानी होगी। कोरोना को लेकर भीड़ से बचने को लेकर मुंबई पुलिस की तैयारी शुरू हो चुकी है। इरफान खान के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों की, मीडिया की और इंडस्ट्री के बाकी लोगों की उपस्थिति को लेकर मुंबई पुलिस की इजाजत नहीं है।उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से कब्रिस्तान पहुंच गया है और रिपोर्ट के मुताबिक, शाम 5 बजे के आस-पास अंतिम संस्कार होगा।
साल पहले साल 2018 में ही उन्हें पता चला था कि वह न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। इसके बाद लंदन में लगभग एक साल तक उनका इलाज चलता रहा। पिछले साल सितम्बर में वह मुंबई लौटे थे, हालांकि तब भी वह पूरी तरह से स्वस्थ नजर नहीं आ रहे थे। उन्होंने अपने चेहरे का स्कार्फ से ढक रखा था और वील चेयर पर नजर आ रहे थे।
महीने पहले यानी होली के पहले उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई थी, बस उसके बाद लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती गई। अभी 10 दिन पहले जब उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ गई, तब उन्हें कोकिलाबेन में ऐडमिट करवाया गया था। इस बार हॉस्पिटल में वह अपनी बीमारी से बहुत संघर्ष कर रहे थे और आखिरकार उन्होंने हार मान ली।
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